12 राशियाँ के नाम और उनके स्वामी | 12 Rashiyon ke Naam or Unke Swami

12 राशियाँ के नाम और उनके स्वामी | 12 Rashiyon ke Naam or Unke Swami

भारतीय वैदिक ज्योतिष में 12 राशियों (Rashiyan) का विशेष महत्व है। हर व्यक्ति की जन्म कुंडली (kundali) इन्हीं 12 राशियों और 12 भाव से बनती है। हर राशि का एक-एक ग्रह स्वामी (Rashi Swami) होता है, जिसे अंग्रेज़ी में Rashi Lord कहते हैं। इन्हीं राशियों और ग्रहों के मेल से कुंडली का पूरा ढांचा तैयार होता है, जिसे राशि चार्ट या Rashi Chart भी कहा जाता है।

आइए विस्तार से जानते हैं – 12 राशियों के नाम (12 Rashi ke Naam), उनके स्वामी ग्रह (Rashi Swami), कुंडली में 12 भाव के स्वामी कौन हैं, साथ ही 1 से 12 नंबर राशि की पूरी जानकारी।

Table of Contents

12 राशि के नाम और उनके स्वामी ग्रह | 12 Rashi Name aur Rashi Lords

यहां हम 1 नंबर राशि से लेकर 12 नंबर राशि तक क्रमवार बता रहे हैं:

नंबरराशि का नाम (Rashi Name)राशि स्वामी (Rashi Lord)
1 नंबर राशिमेष राशि (Mesh Rashi)मंगल (Mars)
2 नंबर राशिवृषभ राशि (Vrishabh Rashi)शुक्र (Venus)
3 नंबर राशिमिथुन राशि (Mithun Rashi)बुध (Mercury)
4 नंबर राशिकर्क राशि (Kark Rashi)चंद्रमा (Moon)
5 नंबर राशिसिंह राशि (Singh Rashi)सूर्य (Sun)
6 नंबर राशिकन्या राशि (Kanya Rashi)बुध (Mercury)
7 नंबर राशितुला राशि (Tula Rashi)शुक्र (Venus)
8 नंबर राशिवृश्चिक राशि (Vrischik Rashi)मंगल (Mars)
9 नंबर राशिधनु राशि (Dhanu Rashi)बृहस्पति / गुरु (Jupiter)
10 नंबर राशिमकर राशि (Makar Rashi)शनि (Saturn)
11 नंबर राशिकुंभ राशि (Kumbh Rashi)शनि (Saturn)
12 नंबर राशिमीन राशि (Meen Rashi)बृहस्पति / गुरु (Jupiter)

राशि चार्ट और कुंडली में 12 भाव के स्वामी | Rashi Number Wise Chart

ज्योतिष में कुंडली के 12 भाव (houses) भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितनी 12 राशियां। हर भाव का अलग महत्व होता है और उसमें बैठी राशि और उसके स्वामी से व्यक्ति के जीवन पर असर पड़ता है। इसे राशि स्वामी चार्ट या कुंडली भाव स्वामी भी कहते हैं।

उदाहरण के लिए:

  1. पहला भाव – लग्न: जीवन, शरीर, व्यक्तित्व (स्वामी: उस समय की लग्न राशि का स्वामी)
  2. दूसरा भाव – धन, परिवार, वाणी
  3. तीसरा भाव – साहस, छोटे भाई-बहन, पराक्रम
  4. चौथा भाव – माता, वाहन, संपत्ति
  5. पांचवां भाव – संतान, विद्या, प्रेम
  6. छठा भाव – रोग, ऋण, शत्रु
  7. सातवां भाव – जीवनसाथी, विवाह
  8. आठवां भाव – आयु, गुप्त बातें
  9. नौवां भाव – भाग्य, गुरु, धर्म
  10. दसवां भाव – कर्म, पेशा, यश
  11. ग्यारहवां भाव – लाभ, आय
  12. बारहवां भाव – खर्च, विदेश यात्रा

हर भाव में बैठी राशि का स्वामी ग्रह उस भाव के फल को तय करता है। इसे समझना बहुत जरूरी है।

12 राशियों के स्वामी और उनके प्रभाव | 12 Rashi Swami

भारतीय ज्योतिष शास्त्र में हर व्यक्ति के जीवन को आकार देने में 12 राशियां (12 Rashi ke Naam) और उनके राशि स्वामी (Rashi Swami) का बहुत बड़ा हाथ होता है।

Rashi Swami Chart के अनुसार हर राशि का एक ग्रह स्वामी होता है जो उस राशि की प्रकृति, सोच, व्यवहार, स्वास्थ्य, करियर और जीवन के हर क्षेत्र पर गहरा प्रभाव डालता है।

चलिए, विस्तार से जानते हैं 1 Number Rashi से लेकर 12 Number Rashi तक सभी राशियों और उनके स्वामी ग्रह (Rashi Lord) का असर।

1 नंबर राशि (1 Number Rashi) – मेष राशि स्वामी मंगल (Mars)

मेष राशि (Mesh Rashi) की गिनती अग्नि तत्व की राशियों में होती है। इसका राशि स्वामी मंगल (Mangal) है, जो साहस, ऊर्जा, आत्मबल, पराक्रम और नेतृत्व का प्रतीक है।

मेष राशि के खास गुण:

  • तेज और जोशीला स्वभाव
  • हर चुनौती को स्वीकार करने की क्षमता
  • जन्म से लीडरशिप क्वालिटी
  • नया काम शुरू करने का साहस

कमजोर मंगल के प्रभाव:

  • गुस्सा जल्दी आना
  • दुर्घटना या चोट लगने की संभावना
  • भाई-बहनों से रिश्तों में तनाव

उपाय:

  • तांबे की अंगूठी पहनें
  • लाल मूंगा (Red Coral) रत्न धारण करें
  • हनुमान जी की पूजा करें

मेष जातकों के लिए कुंडली में मंगल का बलवान होना करियर, सेना, पुलिस, खेल और बिज़नेस में बहुत मदद करता है।

2 नंबर राशि (2 Number Rashi) – वृषभ राशि स्वामी शुक्र (Venus)

वृषभ राशि (Vrishabh Rashi) पृथ्वी तत्व की राशि है। Rashi Swami चार्ट के अनुसार इसका स्वामी ग्रह है शुक्र (Shukra), जो सौंदर्य, कला, भौतिक सुख-सुविधाओं और प्रेम का प्रतीक है।

वृषभ के प्रमुख गुण:

  • धैर्यवान और स्थिर स्वभाव
  • संगीत, कला, डिजाइन में रुचि
  • लग्जरी जीवनशैली की चाह
  • परिवार और रिश्तों को प्राथमिकता

कमजोर शुक्र के प्रभाव:

  • वैवाहिक जीवन में तनाव
  • फाइनेंस में उतार-चढ़ाव
  • शारीरिक कमजोरी या रोग

उपाय:

  • हीरा (Diamond) या ओपल पहनें
  • सफ़ेद रंग के वस्त्र पहनें
  • दही और मिश्री का दान करें

मजबूत शुक्र से व्यक्ति के व्यक्तित्व में आकर्षण और कॅरियर में सफलता आती है, खासकर कला, फैशन और फिल्म जगत में।

3 नंबर राशि (3 Number Rashi) – मिथुन राशि स्वामी बुध (Mercury)

मिथुन राशि (Mithun Rashi) वायु तत्व की राशि है और इसका राशि स्वामी बुध (Budh) है। बुध वाणी, बुद्धि, तर्क, व्यापार और शिक्षा का स्वामी है।

मिथुन के गुण:

  • चतुर और जल्दी सीखने की क्षमता
  • संवाद में माहिर
  • नेटवर्किंग में मजबूत
  • उत्साही और जिज्ञासु

कमजोर बुध के प्रभाव:

  • निर्णय लेने में दिक्कत
  • हड़बड़ी या भ्रम की स्थिति
  • स्किन या नर्वस सिस्टम की समस्या

उपाय:

  • पन्ना (Emerald) धारण करें
  • हरे रंग के कपड़े पहनें
  • भगवान गणेश या विष्णु की पूजा करें

मिथुन राशि के लोग मार्केटिंग, पत्रकारिता, लेखन और मीडिया में तेज़ी से आगे बढ़ सकते हैं।

4 नंबर राशि (4 Number Rashi) – कर्क राशि स्वामी चंद्रमा (Moon)

कर्क राशि (Kark Rashi) जल तत्व की राशि है और इसका राशि स्वामी चंद्रमा (Chandra) है, जो मन, भावनाओं और माता का कारक है।

कर्क जातकों के गुण:

  • संवेदनशील और भावुक
  • परिवार और परंपराओं से प्रेम
  • कल्पनाशील और रचनात्मक
  • सहानुभूति रखने वाले

कमजोर चंद्रमा के प्रभाव:

  • मानसिक चिंता और डिप्रेशन
  • निर्णय लेने में अस्थिरता
  • नींद की समस्या

उपाय:

  • मोती (Pearl) पहनें
  • माता का सम्मान करें
  • सोमवार को दूध का दान करें

चंद्रमा के प्रभाव से कर्क जातक को जीवन में सुख-सुविधाएँ और मन की शांति मिलती है।

5 नंबर राशि (5 Number Rashi) – सिंह राशि स्वामी सूर्य (Sun)

सिंह राशि (Singh Rashi) अग्नि तत्व की राशि है और इसका स्वामी ग्रह है सूर्य (Surya), जो आत्मा, सत्ता और पिता का कारक है।

सिंह के विशेष गुण:

  • जन्मजात नेतृत्व क्षमता
  • आत्मविश्वास और साहस
  • बड़े दिल वाले और उदार
  • समाज में मान-सम्मान

कमजोर सूर्य के प्रभाव:

  • आत्मविश्वास की कमी
  • पिता से मतभेद
  • सरकारी कार्यों में बाधा

उपाय:

  • माणिक (Ruby) धारण करें
  • रविवार को सूर्य को जल अर्पित करें
  • तांबे के बर्तन का उपयोग करें

मजबूत सूर्य सिंह राशि के व्यक्तियों को राजनीति, प्रशासन और उच्च पदों पर सफलता दिलाता है।

6 नंबर राशि (6 Number Rashi) – कन्या राशि स्वामी बुध (Mercury)

कन्या राशि (Kanya Rashi) पृथ्वी तत्व की राशि है, जिसका स्वामी ग्रह फिर से बुध (Budh) है। बुध यहाँ भी विश्लेषण क्षमता और बुद्धि का विकास करता है।

कन्या के प्रमुख गुण:

  • व्यवस्थित और परफेक्शनिस्ट
  • कार्य में समर्पित
  • स्वास्थ्य के प्रति सचेत
  • समस्या सुलझाने में निपुण

कमजोर बुध के प्रभाव:

  • चिंता या स्ट्रेस
  • छोटी-छोटी बातों में उलझना
  • डाइजेशन की समस्या

उपाय:

  • पन्ना धारण करें
  • हरे रंग का ज्यादा उपयोग करें
  • बुधवार को हरी सब्ज़ी दान करें

मजबूत बुध से कन्या राशि वालों को मेडिकल, रिसर्च और अकाउंट्स में विशेष सफलता मिलती है।

7 नंबर राशि (7 Number Rashi) – तुला राशि स्वामी शुक्र (Venus)

तुला राशि (Tula Rashi) वायु तत्व की राशि है और इसका स्वामी शुक्र (Shukra) है, जो कला, प्रेम, संबंध और संतुलन का प्रतीक है।

तुला के गुण:

  • कूटनीति और संतुलन बनाने की क्षमता
  • आकर्षक व्यक्तित्व
  • रिश्तों को संभालने में निपुण
  • सामाजिक और सौंदर्य प्रिय

कमजोर शुक्र के प्रभाव:

  • वैवाहिक जीवन में दिक्कत
  • खर्च अधिक होना
  • रिलेशनशिप में धोखा

उपाय:

  • हीरा या ओपल धारण करें
  • सुंदर वस्त्र दान करें
  • शुक्रवार को सफेद मिठाई दान करें

तुला राशि के लोग डिजाइन, आर्ट, पब्लिक रिलेशन और मीडिया में चमकते हैं।

8 नंबर राशि (8 Number Rashi) – वृश्चिक राशि स्वामी मंगल (Mars)

वृश्चिक राशि (Vrischik Rashi) जल तत्व की राशि है और इसका स्वामी फिर से मंगल (Mars) है, जो साहस और गहराई का प्रतीक है।

वृश्चिक के गुण:

  • गहरी सोच और रहस्यात्मकता
  • जोखिम लेने की क्षमता
  • आत्मनियंत्रण
  • संकट में भी साहस

कमजोर मंगल के प्रभाव:

  • दुर्घटना या चोट
  • गुस्सा और आक्रामकता
  • वैवाहिक जीवन में चुनौती

उपाय:

  • लाल मूंगा पहनें
  • मंगलवार का व्रत रखें
  • हनुमान चालीसा पढ़ें

वृश्चिक राशि वाले रिसर्च, गुप्त विज्ञान, सेना और सर्जरी में श्रेष्ठ माने जाते हैं।

9 नंबर राशि (9 Number Rashi) – धनु राशि स्वामी गुरु (Jupiter)

धनु राशि (Dhanu Rashi) अग्नि तत्व की राशि है। इसका स्वामी गुरु (Brihaspati/Jupiter) है, जो ज्ञान, धर्म और भाग्य का कारक है।

धनु के गुण:

  • धार्मिक और नैतिक सोच
  • शिक्षित और विद्वान
  • दूसरों की मदद करने वाले
  • सकारात्मक दृष्टिकोण

कमजोर गुरु के प्रभाव:

  • भाग्य में बाधा
  • शिक्षा में रुकावट
  • विवाह में देरी

उपाय:

  • पीला पुखराज पहनें
  • बड़ों और गुरुओं का आदर करें
  • गुरुवार का व्रत रखें

मजबूत गुरु से जातक को जीवन में मान-सम्मान, भाग्य और शिक्षा में सफलता मिलती है।

10 नंबर राशि (10 Number Rashi) – मकर राशि स्वामी शनि (Saturn)

मकर राशि (Makar Rashi) पृथ्वी तत्व की राशि है और इसका स्वामी ग्रह शनि (Shani) है, जो कर्म, अनुशासन और न्याय का ग्रह है।

मकर के गुण:

  • मेहनती और व्यवस्थित
  • व्यवहारिक दृष्टिकोण
  • लक्ष्य के प्रति समर्पित
  • शांत स्वभाव

कमजोर शनि के प्रभाव:

  • जीवन में देरी और संघर्ष
  • हड्डियों से जुड़ी समस्या
  • मानसिक तनाव

उपाय:

  • नीलम पहनें (ज्योतिष सलाह अनुसार)
  • शनिदेव की पूजा करें
  • शनिवार को दान करें

मजबूत शनि से व्यक्ति को करियर, राजनीति और प्रबंधन में सफलता मिलती है।

11 नंबर राशि (11 Number Rashi) – कुंभ राशि स्वामी शनि (Saturn)

कुंभ राशि (Kumbh Rashi) वायु तत्व की राशि है और इसका स्वामी भी शनि (Shani) है। यहाँ शनि सामूहिक सोच और नवाचार को बल देता है।

कुंभ के गुण:

  • मानवीय सोच और समाज सेवा
  • मौलिक विचार
  • वैज्ञानिक दृष्टिकोण
  • मित्रवत व्यवहार

कमजोर शनि के प्रभाव:

  • अकेलापन या अवसाद
  • मित्रों से विवाद
  • करियर में रुकावट

उपाय:

  • नीलम पहनें
  • शनिदेव के मंदिर जाएँ
  • गरीबों को दान दें

कुंभ जातक विज्ञान, रिसर्च, टेक्नोलॉजी और समाज सेवा में सफल होते हैं।

12 नंबर राशि (12 Number Rashi) – मीन राशि स्वामी गुरु (Jupiter)

मीन राशि (Meen Rashi) जल तत्व की राशि है। इसका स्वामी गुरु (Jupiter) है, जो आध्यात्मिक ज्ञान, करुणा और कला का स्वामी है।

मीन के गुण:

  • भावुक और दयालु
  • कलात्मक और रचनात्मक
  • आध्यात्मिक झुकाव
  • कल्पनाशक्ति

कमजोर गुरु के प्रभाव:

  • भ्रम और आलस्य
  • अति भावुकता
  • लक्ष्य में कमी

उपाय:

  • पीला पुखराज पहनें
  • गुरुवार का व्रत रखें
  • बड़ों का सम्मान करें

मजबूत गुरु से व्यक्ति को शिक्षा, धर्म, कला और समाज में मान-सम्मान मिलता है।

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कुंडली में ग्रहों का प्रभाव (Planet effects in horoscope)

सूर्य ग्रह (Sun)

आत्मा, पिता, यश का कारक।

कमजोर हो तो मान-सम्मान में कमी, मजबूत हो तो नेतृत्व क्षमता बढ़ती है।

उपाय: माणिक धारण करें, सूर्य को जल चढ़ाएं।

चंद्रमा (Moon)

मन, माता, मानसिक सुख का कारक।

कमजोर चंद्रमा से चिंता या भय।

उपाय: मोती धारण करें, माता का सम्मान करें।

मंगल (Mars)

साहस, शक्ति, छोटे भाई का कारक।

कमजोर मंगल से दुर्घटना या गुस्सा।

उपाय: लाल मूंगा पहनें, तांबे का दान करें।

बुध (Mercury)

वाणी, व्यापार, बुद्धि का स्वामी।

कमजोर बुध से भ्रम या बोलचाल की समस्या।

उपाय: पन्ना पहनें, भगवान विष्णु की पूजा करें।

गुरु (Jupiter)

ज्ञान, धर्म, संतान का कारक।

कमजोर गुरु से शिक्षा में बाधा।

उपाय: पीला पुखराज पहनें, गुरु का सम्मान करें।

शुक्र (Venus)

सुख, प्रेम, पत्नी का स्वामी।

कमजोर शुक्र से वैवाहिक जीवन में बाधा।

उपाय: हीरा या ओपल पहनें, श्रृंगारिक वस्तुओं का दान करें।

शनि (Saturn)

कर्म, अनुशासन, न्याय का कारक।

कमजोर शनि से देरी और बाधाएं।

उपाय: नीलम पहनें, गरीबों को दान दें।

Read राशि रत्न चार्ट

निष्कर्ष

12 राशियाँ (Rashiyan) और उनके स्वामी ग्रह (Rashi Swami) पूरे जीवन को प्रभावित करते हैं। कुंडली (kundali) के 12 भाव और उनका स्वामी ग्रह भी उतना ही जरूरी है। अगर आप राशि स्वामी चार्ट ठीक से समझें, तो अपने जीवन के कई सवालों के उत्तर पा सकते हैं।

आशा है, यह विस्तृत ब्लॉग – 12 राशि के नाम, राशि चार्ट, कुंडली में 12 भाव के स्वामी, और rashi lord – आपको समझ में आया होगा।

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FAQs

1: 12 राशियों के स्वामी कौन-कौन से ग्रह हैं?

12 राशियों (Rashiyan) के स्वामी ग्रह (Rashi Swami) इस तरह हैं:

  • मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल ग्रह हैं
  • वृषभ और तुला राशि के स्वामी शुक्र
  • मिथुन और कन्या राशि के स्वामी बुध
  • कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा
  • सिंह राशि का स्वामी सूर्य
  • धनु और मीन राशि के स्वामी गुरु (बृहस्पति)
  • मकर और कुंभ राशि के स्वामी शनि

इन्हीं ग्रहों को राशि स्वामी चार्ट में भी दिखाया जाता है।

2: 12 राशियों में कौन-कौन से नाम आते हैं?

12 राशि के नाम इस क्रम से आते हैं:

1 नंबर राशि – मेष, 2 नंबर राशि – वृषभ, 3 नंबर राशि – मिथुन, 4 नंबर राशि – कर्क, 5 नंबर राशि – सिंह, 6 नंबर राशि – कन्या, 7 नंबर राशि – तुला, 8 नंबर राशि – वृश्चिक, 9 नंबर राशि – धनु, 10 नंबर राशि – मकर, 11 नंबर राशि – कुंभ, 12 नंबर राशि – मीन।

इन नामों को राशि चार्ट में देखकर भी समझा जा सकता है।

3: सभी राशियों का राजा कौन है?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य को सभी राशियों का राजा माना जाता है। सूर्य आत्मा, तेज और सत्ता का कारक ग्रह है, और राशियां भी सूर्य के प्रभाव से शक्ति पाती हैं।

4: 12 राशियों में सबसे अच्छी राशि कौन सी है?

ज्योतिष के अनुसार हर राशि (Rashi) की अपनी खासियत होती है, इसलिए किसी एक राशि को सबसे अच्छी कहना ठीक नहीं है। फिर भी, सिंह राशि को सूर्य का स्वामित्व मिलने से राजसी गुण, नेतृत्व और आत्मविश्वास के लिए खास माना जाता है। लेकिन असली महत्व कुंडली के अन्य ग्रहों, भावों और राशि स्वामी पर निर्भर करता है।

5: 12 राशियां और उनके अक्षर कौन से हैं?

राशियां और उनके अक्षर इस तरह होते हैं:

  • मेष: चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ
  • वृषभ: ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो
  • मिथुन: का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा
  • कर्क: ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो
  • सिंह: मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे
  • कन्या: टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो
  • तुला: रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते
  • वृश्चिक: तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू
  • धनु: ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे
  • मकर: भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी
  • कुंभ: गु, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा
  • मीन: दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची

इन्हें जन्म के समय चंद्रमा की स्थिति से तय किया जाता है, और राशि स्वामी चार्ट से भी जोड़ा जाता है।

6: राशियों के स्वामी श्लोक क्या है?

राशियों के स्वामी को याद रखने के लिए प्राचीन ज्योतिष में यह प्रसिद्ध श्लोक है:

मेष-वृश्चिकयोः भौमः, वृष-तुलयोः भृगुस्तथा।
मिथुन-कनयोः सौम्यश्च, कर्कटेन्दुः, सिम्हे भानुः॥
धनु-मीनयोः गुरुः प्रोक्तः, मकर-कुम्भयोः शनैश्चरः॥

इस श्लोक से 12 राशियों के नाम और उनके स्वामी (Rashi Swami) को सरलता से याद किया जा सकता है।

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