क्या पुखराज चांदी में पहनना चाहिए?

क्या पुखराज चांदी में पहनना चाहिए?

पुखराज (Yellow Sapphire) एक बेहद शक्तिशाली और शुभ रत्न है, जिसे ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह का प्रतिनिधि माना गया है। यह रत्न पहनने से ज्ञान, समृद्धि, विवाह, संतान सुख और करियर में प्रगति मिलती है। लेकिन इन सभी फायदों का पूरा असर तभी मिलता है, जब इसे सही धातु में जड़वाकर और ज्योतिषीय नियमों का पालन करते हुए पहना जाए। अक्सर लोग यह सवाल करते हैं कि क्या पुखराज चांदी में पहनना चाहिए? तो इसका उत्तर थोड़ा विस्तृत है।

पुखराज के लिए सबसे उपयुक्त धातु

पुखराज को पहनने के लिए सोना सबसे शुभ धातु मानी जाती है। प्राचीन ग्रंथों और अनुभवी ज्योतिषियों के अनुसार, सोना बृहस्पति ग्रह की ऊर्जा को अधिकतम रूप से आकर्षित करता है और जातक को सकारात्मक परिणाम देता है। यदि सोना उपलब्ध न हो, तो पंचधातु (सोना, चांदी, तांबा, जस्ता और लोहा का मिश्रण) का विकल्प भी लिया जा सकता है।

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क्या पुखराज चांदी में पहन सकते हैं?

आम तौर पर पुखराज को चांदी में पहनना अनुशंसित नहीं है, क्योंकि चांदी चंद्रमा ग्रह से संबंधित धातु है और इसका प्रभाव बृहस्पति जितना शक्तिशाली नहीं होता। लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में ज्योतिषी की सलाह पर पुखराज चांदी में भी पहना जा सकता है।

उदाहरण के लिए:

  • यदि किसी व्यक्ति की आर्थिक स्थिति कमजोर है और वह सोने की अंगूठी नहीं बनवा सकता।
  • अगर कुंडली में कुछ विशेष योग हैं, जहां चांदी में पुखराज पहनने से भी लाभ मिल सकता है।
  • कुछ दुर्लभ मामलों में, ज्योतिषी यह मान सकते हैं कि चांदी जातक की ग्रह स्थिति को संतुलित कर रही है और सोने के बजाय यह अधिक उपयुक्त है।

हालांकि यह ध्यान रखना जरूरी है कि सोना हमेशा पहला और सबसे अच्छा विकल्प है, चांदी केवल विकल्प के रूप में ही अपनाई जानी चाहिए।

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किन धातुओं में पुखराज नहीं पहनना चाहिए

सोना और पंचधातु के अलावा किसी अन्य धातु में पुखराज पहनने की सिफारिश नहीं की जाती। खासकर प्लैटिनम, स्टील, या नकली धातुओं में पुखराज जड़वाकर पहनना पूरी तरह निषिद्ध है। ऐसा करने से रत्न का प्रभाव घट सकता है या कभी-कभी नकारात्मक असर भी दिखाई दे सकता है।

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पुखराज पहनने के नियम

सिर्फ धातु ही नहीं, बल्कि पुखराज पहनते समय कई अन्य बातों का ध्यान रखना जरूरी है:

  • इसे गुरुवार के दिन, शुक्ल पक्ष में पहनना सबसे शुभ माना गया है।
  • अंगूठी या पेंडेंट हमेशा तर्जनी (Index Finger) में पहनना चाहिए।
  • रत्न शुद्ध, प्राकृतिक और लैब-सर्टिफाइड होना चाहिए, तभी इसका पूरा असर मिलता है।
  • पहनने से पहले अंगूठी को गंगाजल, दूध और शहद से शुद्ध कर लेना चाहिए और बृहस्पति देव की पूजा कर “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए।

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ज्योतिषीय परामर्श क्यों ज़रूरी है?

पुखराज एक बेहद शक्तिशाली रत्न है, और गलत ढंग से पहनने पर यह लाभ की जगह हानि भी पहुंचा सकता है। जैसे कि विवाह में देरी, स्वास्थ्य संबंधी समस्या या आर्थिक रुकावटें। इसलिए इसे पहनने से पहले किसी अनुभवी और योग्य ज्योतिषी से कुंडली का गहन विश्लेषण कराना जरूरी है। खासकर अगर आप इसे चांदी में पहनने का विचार कर रहे हैं, तो ज्योतिषीय परामर्श अनिवार्य है।

निष्कर्ष

संक्षेप में कहा जाए तो, पुखराज हमेशा सोने में पहनना सबसे अच्छा और शुभ होता है। अगर सोना उपलब्ध न हो, तो पंचधातु दूसरा विकल्प है। चांदी में पुखराज पहनना सामान्य स्थिति में अनुशंसित नहीं है, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में और ज्योतिषी की सलाह पर इसे चांदी में भी पहना जा सकता है। इसलिए बिना परामर्श के पुखराज को चांदी में पहनना उचित नहीं है।

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