भारतीय ज्योतिष शास्त्र में राहु को एक अत्यंत रहस्यमयी और प्रभावशाली छाया ग्रह माना गया है। यह ग्रह प्रत्यक्ष रूप से दिखाई नहीं देता, लेकिन इसकी स्थिति और दृष्टि व्यक्ति के जीवन में गहरे बदलाव ला सकती है। राहु को पाप ग्रह कहा जाता है क्योंकि यह भ्रम, लालच, भौतिक इच्छाओं और मानसिक अस्थिरता का कारक माना गया है। लेकिन यदि यह शुभ स्थिति में हो, तो व्यक्ति को ऊँचाइयों तक पहुँचाने में भी सक्षम होता है।
ज्योतिष में कहा गया है कि राहु की स्थिति अगर कुंडली में अशुभ हो जाए या अन्य ग्रहों के साथ दोष बना ले, तो व्यक्ति को मानसिक तनाव, आर्थिक संकट, पारिवारिक मतभेद और जीवन में अचानक आने वाली परेशानियों का सामना करना पड़ता है। परंतु उचित उपायों और राहु ग्रह की पूजा, मंत्र जाप, दान-पुण्य और सही रत्न धारण से इसके दुष्प्रभावों को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि राहु ग्रह को शांत करने के उपाय क्या हैं, राहु को प्रसन्न कैसे किया जाए, और कौन से व्यवहारिक, धार्मिक तथा ज्योतिषीय उपाय राहु की स्थिति को बेहतर बना सकते हैं।
राहु ग्रह का महत्व और प्रभाव (Rahu grah ka mahatva aur prabhav)
राहु ग्रह कौन है?
पुराणों में राहु की कथा समुद्र मंथन से जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान जब देवता और असुर अमृत प्राप्त कर रहे थे, तब एक असुर ने चालाकी से देवताओं के रूप में बैठकर अमृत पान कर लिया। यह देखकर भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से उसका सिर काट दिया। लेकिन तब तक उसने अमृत पी लिया था, जिससे उसका सिर अमर हो गया। यही सिर आगे चलकर राहु कहलाया और उसका धड़ केतु बना।
राहु भले ही एक भौतिक ग्रह नहीं है, लेकिन यह व्यक्ति की मानसिक स्थिति, विचारों और कर्मों पर गहरा असर डालता है। इसलिए इसे छाया ग्रह कहा जाता है।
राहु के शुभ और अशुभ प्रभाव
राहु ग्रह व्यक्ति को भ्रमित भी कर सकता है और अगर इसकी कृपा हो, तो यह उसे समाज में ऊँचा स्थान भी दिला सकता है। इसका प्रभाव पूरी तरह इस बात पर निर्भर करता है कि यह आपकी कुंडली में किस भाव में स्थित है और किन ग्रहों के साथ संबंध बना रहा है।
- शुभ राहु: जब राहु अनुकूल स्थिति में होता है, तब यह व्यक्ति को राजनीति, विदेश व्यापार, रिसर्च, विज्ञान, तकनीकी, ऑनलाइन क्षेत्र, फिल्म, मीडिया और तंत्र-मंत्र विद्या में असाधारण सफलता दिला सकता है। शुभ राहु व्यक्ति को दूरदर्शी, चतुर और प्रभावशाली बनाता है।
- अशुभ राहु: वहीं जब राहु अशुभ भाव में हो या दोषग्रस्त हो जाए, तो यह व्यक्ति को मानसिक अस्थिरता, नशे की आदत, बेवजह का भय, आर्थिक नुकसान, धोखा, दुर्घटनाएँ, कर्ज़ और पारिवारिक झगड़ों का कारण बनता है। ऐसे समय में राहु को शांत करने के उपाय आवश्यक हो जाते हैं।
इसी कारण राहु की शांति के लिए पूजा, मंत्र जाप, दान-पुण्य और रत्न धारण जैसे उपाय करने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है।
रत्न धारण से राहु को मजबूत कैसे करें (Rahu ko majboot kaise kare)
राहु ग्रह को शांत करने और इसके अशुभ प्रभावों को कम करने के सबसे प्रभावी राहु के उपायों में से एक है गोमेद रत्न (Hessonite Garnet) धारण करना। यह रत्न राहु से संबंधित होता है और इसे धारण करने से व्यक्ति के जीवन में स्थिरता, आत्मविश्वास और मानसिक स्पष्टता आती है।
गोमेद रत्न का महत्व
- गोमेद रत्न राहु का प्रमुख और प्रतिनिधि रत्न माना जाता है।
- यह रत्न व्यक्ति के भीतर के डर, असुरक्षा, भ्रम और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
- गोमेद धारण करने से राहु की विपरीत दशा शांत होती है और व्यक्ति को निर्णय लेने की शक्ति प्राप्त होती है।
- यह व्यापार, राजनीति, रिसर्च, टेक्नोलॉजी और कानूनी मामलों में सफलता दिलाने में सहायक माना गया है।
- जो लोग राहु की महादशा या अंतर्दशा से गुजर रहे हैं, उनके लिए गोमेद धारण करना विशेष रूप से लाभकारी होता है।
गोमेद रत्न धारण करने का तरीका
गोमेद रत्न को धारण करने से पहले कुछ विशेष नियमों और शुद्धिकरण विधियों का पालन करना बहुत जरूरी है, ताकि यह शुभ परिणाम दे सके।
- हमेशा किसी योग्य और अनुभवी ज्योतिषी की सलाह लेकर ही गोमेद धारण करें, ताकि रत्न आपकी कुंडली के अनुसार सही परिणाम दे।
- गोमेद को सामान्यतः चाँदी या पंचधातु की अंगूठी में धारण करना सबसे शुभ माना जाता है।
- शनिवार का दिन राहु ग्रह की उपासना के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है, इसलिए इस दिन मध्यमा (मध्य) उंगली में रत्न धारण करें।
- रत्न धारण करने से पहले उसे शुद्ध करने के लिए दूध, गंगाजल, शहद और तुलसी के जल में कुछ समय के लिए रखें।
- फिर किसी शांत स्थान पर बैठकर “ॐ रां राहवे नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें और उसके बाद रत्न धारण करें।
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राहु को खुश कैसे करे? (Rahu Ko Kaise Khush Kare)
अक्सर लोग यह सवाल पूछते हैं कि आखिर राहु को कैसे खुश किया जाए। दरअसल, राहु को प्रसन्न करने का अर्थ यह नहीं कि उसे पूजने से अचानक भाग्य बदल जाएगा, बल्कि इसका मतलब है राहु की नकारात्मक ऊर्जा को शांत करके उसकी सकारात्मक शक्ति को जागृत करना। जब राहु प्रसन्न होता है, तो व्यक्ति को अद्भुत सफलता, समझदारी, दूरदर्शिता और जीवन में अप्रत्याशित लाभ प्राप्त होते हैं।
राहु को खुश करने के लिए धार्मिक, आध्यात्मिक और व्यवहारिक तीनों प्रकार के उपाय करने की सलाह दी जाती है। पूजा-पाठ, मंत्र-जाप, दान-पुण्य और रत्न धारण जैसे राहु के उपाय सबसे प्रभावी माने गए हैं।
राहु को प्रसन्न करने के प्रमुख उपाय:
- भगवान शिव और काल भैरव की पूजा: शिवजी राहु के अधिपति देवता माने गए हैं। काल भैरव की आराधना करने से राहु दोष काफी हद तक शांत होता है।
- राहु बीज मंत्र “ॐ रां राहवे नमः” का जाप: यह मंत्र राहु की शांति के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
- गोमेद रत्न (Hessonite) धारण करना: यह राहु ग्रह का प्रमुख रत्न है जो उसकी नकारात्मकता को नियंत्रित करता है।
- दान और सेवा: शनिवार को गरीबों को भोजन कराना, काले तिल, कंबल, तेल और लोहे के बर्तन दान करना अत्यंत शुभ होता है।
- जीव दया (मछली को जीवनदान देना): मछली को जल में छोड़ना या पक्षियों को दाना डालना राहु दोष को शांत करता है।
पूजा और मंत्र जाप द्वारा राहु को शांत करना (Pooja aur Mantra Jaap Dwara Rahu Shanti ke Upay)
भगवान शिव की पूजा
राहु को शांत करने के लिए भगवान शिव की उपासना अत्यंत प्रभावी मानी गई है। क्योंकि राहु भगवान शिव के प्रति अत्यंत भक्ति रखता है, इसलिए शिव की पूजा से राहु स्वतः प्रसन्न होता है।
- सोमवार के दिन शिवलिंग का जल, दूध, शहद, और गंगाजल से अभिषेक करें।
- अभिषेक के दौरान “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करते रहें।
- शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और काले तिल चढ़ाना अत्यंत शुभ माना गया है।
- अगर संभव हो तो सोमवार के व्रत रखें और शाम को भगवान शिव को दीप अर्पित करें।
इस प्रकार की पूजा राहु की नकारात्मकता को कम करके मन में स्थिरता और आत्मविश्वास लाती है।
राहु बीज मंत्र का जाप
राहु ग्रह के लिए सबसे शक्तिशाली मंत्र है: “ॐ रां राहवे नमः”।
- इस मंत्र का जाप रोज़ाना 108 बार करें।
- जाप करने का श्रेष्ठ समय राहुकाल या रात का समय होता है।
- लगातार 40 दिनों तक इस मंत्र का जाप करने से राहु के दोष शांत होते हैं और ग्रह शुभ फल देने लगता है।
- मंत्र जाप करते समय मन को शांत रखें और किसी भी नकारात्मक भावना से दूर रहें।
यह मंत्र व्यक्ति को मानसिक शक्ति देता है और जीवन में आने वाले भ्रम या भय को समाप्त करता है।
राहु यंत्र की स्थापना और पूजा
- घर के पूजा स्थान में राहु यंत्र की स्थापना करें।
- रोजाना दीपक और अगरबत्ती लगाकर यंत्र की पूजा करें।
- यंत्र के सामने बैठकर राहु बीज मंत्र का जाप करें।
- यदि संभव हो तो शनिवार को यंत्र पर काले तिल और जल अर्पित करें।
राहु यंत्र की पूजा से राहु दोष का प्रभाव घटता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
दान द्वारा राहु को प्रसन्न करना (Daan Dwara Rahu Ko Prasann Karne Ke Upay)
दान-पुण्य को राहु को प्रसन्न करने का सबसे सरल और प्रभावशाली तरीका माना गया है। जब व्यक्ति निस्वार्थ भाव से दान करता है, तो राहु की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होने लगती है और ग्रह का शुभ प्रभाव बढ़ता है।
शनिवार को किए जाने वाले विशेष दान
- काले तिल
- काला कपड़ा
- सरसों का तेल
- लोहा या लोहे के बर्तन
- कंबल या ऊनी वस्त्र
- सीसा
- सप्तधान्य (सात प्रकार के अनाज)
इन वस्तुओं का दान शनिवार के दिन किसी गरीब, ब्राह्मण या जरूरतमंद व्यक्ति को करने से राहु ग्रह प्रसन्न होता है और उसका अशुभ प्रभाव कम हो जाता है।
छाया दान (Chhaya Daan)
छाया दान राहु और शनि दोनों को शांत करने का अत्यंत पुराना उपाय है।
- शनिवार की सुबह या शाम सरसों के तेल से भरा बर्तन लें।
- उस तेल में अपनी परछाई देखें।
- इसके बाद बिना बोले वह तेल किसी जरूरतमंद को दान कर दें।
व्यवहारिक राहु के उपाय: दैनिक जीवन में राहु को शांत करना
राहु ग्रह को शांत करने के लिए केवल पूजा-पाठ या मंत्र जाप ही जरूरी नहीं है, बल्कि आपके दैनिक जीवन का आचरण और आदतें भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। राहु भ्रम, लालच, और अस्थिरता का प्रतीक है, इसलिए अगर जीवन में सादगी, संयम और सच्चाई अपनाई जाए, तो यह ग्रह धीरे-धीरे अपना अशुभ प्रभाव छोड़ देता है।
खान-पान में संयम
- मांस, मदिरा और नशे की सभी वस्तुओं से पूरी तरह दूरी बनाएँ।
- फास्ट फूड और जंक फूड से बचें क्योंकि यह राहु की नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाते हैं।
- सात्विक भोजन करें और सुबह की शुरुआत तुलसी के दो पत्ते खाने से करें। यह राहु दोष को शांत करने के साथ-साथ शरीर और मन को पवित्र बनाता है।
सत्य और सादगी अपनाना
राहु का स्वभाव भ्रम और छल से जुड़ा है। यदि व्यक्ति अपने जीवन में सत्य बोलने, सादा जीवन जीने और ईमानदारी अपनाने की आदत डालता है, तो राहु की नकारात्मकता धीरे-धीरे खत्म होती है। राहु उन लोगों से प्रसन्न नहीं होता जो झूठ, कपट या दिखावे में जीते हैं। इसलिए सच्चाई और विनम्रता को जीवन का हिस्सा बनाएं।
मछली को जीवनदान देना
बुधवार या शनिवार के दिन किसी मछली को जल में छोड़ना राहु को शांत करने का बहुत प्रभावशाली उपाय माना गया है। इसे “जीव दया” कहा जाता है। यह कर्म राहु की कठोरता को कम करता है और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाता है।
राहु के उपाय किस दिन करें? (Rahu ke Upay Kis Din Kare)
राहु ग्रह से संबंधित उपाय करने के लिए कुछ विशेष दिन अधिक प्रभावशाली माने जाते हैं। इन दिनों में किए गए उपाय तेजी से फल प्रदान करते हैं।
शनिवार
- शनिवार राहु और शनि दोनों ग्रहों का दिन होता है।
- इस दिन काले तिल, तेल, और कंबल का दान करना शुभ माना गया है।
- पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और “ॐ रां राहवे नमः” मंत्र का जाप करें।
- कुत्ते को भोजन कराना भी राहु की शांति का एक प्रभावशाली उपाय है।
सोमवार
- सोमवार को भगवान शिव की उपासना करें क्योंकि राहु शिव के अत्यंत प्रिय हैं।
- शिवलिंग पर गंगाजल, दूध और काले तिल चढ़ाएं।
- “ॐ रां राहवे नमः” मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें।
राहुकाल
- हर दिन का राहुकाल (लगभग 90 मिनट की अवधि) राहु की पूजा और उपाय के लिए शुभ समय माना जाता है।
- इस दौरान किए गए दान, मंत्र जाप या यंत्र पूजा का प्रभाव सामान्य समय से कई गुना अधिक होता है।
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राहु दोष के लक्षण (Rahu Dosh Ke Lakshan)
जब राहु किसी अशुभ भाव में बैठता है या अन्य ग्रहों के साथ दोष बनाता है, तब जीवन में कई तरह की उलझनें और मानसिक परेशानियाँ उत्पन्न होती हैं। इसे ही राहु दोष कहा जाता है।
- मानसिक अस्थिरता, चिंता और अनिद्रा: राहु व्यक्ति के मन को अस्थिर करता है। ऐसे लोग बेचैनी, डर और नींद की कमी से परेशान रहते हैं।
- अचानक से धन हानि: राहु दोष के कारण बिना वजह आर्थिक नुकसान या निवेश में घाटा हो सकता है।
- रिश्तों में गलतफहमी: राहु भ्रम और संदेह पैदा करता है, जिससे परिवार या मित्रों में झगड़े बढ़ जाते हैं।
- नशे की लत: राहु व्यक्ति को शराब, सिगरेट, जुआ या अन्य व्यसनों की ओर आकर्षित करता है।
- झूठ बोलने की आदत: राहु जब पीड़ित होता है तो व्यक्ति धोखे और झूठ में लिप्त रहता है।
- कानूनी उलझनें: राहु दोष वाले लोगों को कोर्ट केस, पुलिस या झूठे आरोपों का सामना करना पड़ सकता है।
राहु शांति के घरेलू उपाय (Rahu ko shant karne ke upay)
हर व्यक्ति के लिए महंगे यज्ञ या पूजा कराना संभव नहीं होता। ऐसे में ज्योतिष शास्त्र में कुछ सरल घरेलू उपाय बताए गए हैं जिन्हें नियमित रूप से करने से राहु की अशुभता कम होने लगती है।
1. शनिवार की रात तिल का दीपक जलाना
- शनिवार की रात पीपल के पेड़ के नीचे या घर के मंदिर में काले तिल और घी का दीपक जलाएं।
- यह उपाय राहु की नकारात्मकता को कम करता है और शांति लाता है।
2. चिड़ियों को दाना डालना
- प्रतिदिन सुबह पक्षियों को अनाज डालें। यह एक प्रकार का दान है जो राहु दोष को शांत करता है।
- चिड़ियों को दाना खिलाने से नकारात्मक ऊर्जा कम होती है और मानसिक शांति मिलती है।
3. कुत्तों को रोटी खिलाना
- राहु का संबंध कुत्तों से है।
- शनिवार या रोज़ाना कुत्ते को रोटी खिलाने से राहु ग्रह प्रसन्न होता है और जीवन की अड़चनें घटती हैं।
4. नीले या काले वस्त्र पहनना
- राहु का शुभ रंग काला और नीला है।
- शनिवार को विशेष रूप से इन रंगों के वस्त्र पहनने से राहु की कृपा बढ़ती है।
निष्कर्ष
राहु ग्रह को ज्योतिष में एक रहस्यमयी और शक्तिशाली ग्रह माना गया है। यह व्यक्ति को भ्रम, नशा, भय और अस्थिरता की ओर ले जा सकता है, लेकिन जब राहु शुभ हो जाता है, तो यह व्यक्ति को नाम, प्रसिद्धि और ऊँचाइयों तक पहुँचा सकता है।
अगर राहु आपकी कुंडली में अशुभ स्थिति में है, तो भगवान शिव और काल भैरव की आराधना करें, “ॐ रां राहवे नमः” मंत्र का नियमित जाप करें, शनिवार को दान-पुण्य करें और गोमेद रत्न (Hessonite Garnet) धारण करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लें।
साथ ही, अपने व्यवहार और जीवनशैली में सात्विकता, संयम और सादगी बनाए रखें। कुत्तों को रोटी खिलाना, चिड़ियों को दाना डालना और तिल का दीपक जलाना जैसे छोटे-छोटे घरेलू उपाय आपके जीवन में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। जब राहु शांत होता है, तो जीवन में स्थिरता, मानसिक शांति और सफलता स्वतः आने लगती है।
FAQs on Rahu ke Upay (राहु के उपाय)
1. खराब राहु के लक्षण क्या हैं?
खराब राहु से व्यक्ति में अकारण डर, भ्रम, गलत संगति, अवैध संबंधों में उलझन, सिरदर्द, मानसिक रोग, नींद में डरावने सपने और त्वचा रोग जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।
2. राहु महादशा के लिए क्या उपाय हैं?
शिव पूजा, राहु बीज मंत्र “ॐ रां राहवे नमः” का जाप, काले तिल या काले वस्त्र दान करना, सात्विक भोजन, अमावस्या पर गरीबों को भोजन देना और अनुभवी ज्योतिषी की सलाह से गोमेद रत्न धारण करना लाभकारी उपाय हैं।
3. राहु दोष कितने वर्षों तक रहता है?
राहु महादशा लगभग 18 वर्ष तक रहती है। इसके प्रभाव महादशा, अंतर्दशा और प्रत्यंतर दशा के अनुसार 3, 6, 9 वर्षों में बदल सकते हैं और यह शुभ या अशुभ परिणाम दे सकता है।
4. राहु का प्रभाव किस दिन अधिक होता है?
शनिवार राहु-केतु की पूजा के लिए शुभ माना जाता है। इसके अलावा, राहुकाल भी राहु से संबंधित समय है, जिसमें शुभ कार्य करने से बचना चाहिए।
5. राहु को शांत करने के लिए किसकी पूजा करनी चाहिए?
राहु का कोई विशिष्ट देवता नहीं है, लेकिन कुछ ज्योतिषी गणेश जी की पूजा की सलाह देते हैं। इसके अलावा, राहु बीज मंत्र का नियमित जाप और शनिवार को काले तिल या काले कपड़े का दान करना राहु को शांत करने में मदद करता है।

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