भारतीय ज्योतिष शास्त्र में नौ ग्रहों का विशेष महत्व है, जिनमें राहु और केतु को छाया ग्रह कहा गया है। ये दोनों ग्रह सूर्य और चंद्रमा की भांति प्रत्यक्ष रूप से दिखाई नहीं देते, लेकिन इनके प्रभाव जीवन पर गहराई से पड़ते हैं। राहु और केतु का नाम सुनते ही मन में एक रहस्यमयी शक्ति की छवि बन जाती है। ये ग्रह कभी व्यक्ति को अचानक शिखर तक पहुंचा देते हैं तो कभी बिना किसी कारण जीवन में उतार-चढ़ाव और कठिनाई ला देते हैं।
जन्म कुंडली में राहु और केतु की स्थिति के आधार पर व्यक्ति का जीवन बदलता है। यदि राहु-केतु शुभ स्थिति में हों तो यह राजयोग, प्रसिद्धि, भौतिक सुख-सुविधा, धन, सफलता और करियर में ऊँचाई दिला सकते हैं। वहीं यदि ये अशुभ हों तो यह मानसिक अशांति, भ्रम, रोग, परिवार में कलह, करियर में रुकावट और विवाह में समस्या का कारण बनते हैं।
संक्षेप में कहा जाए तो राहु-केतु जीवन के शुभ और अशुभ परिणाम देने में सबसे महत्वपूर्ण ग्रह माने जाते हैं। इसीलिए इन ग्रहों को प्रसन्न करने के लिए प्राचीन काल से ही अनेक Rahu Ketu ke Upay बताए गए हैं।
राहु और केतु का स्वभाव (Rahu-Ketu ka Swabhav)
राहु का स्वभाव (Rahu ka Swabhav)
राहु को एक ऐसा ग्रह माना जाता है जो इंसान को भौतिक इच्छाओं की ओर खींचता है। यह मायाजाल, वासना, भोग-विलास, लालच और छल का प्रतीक है। राहु की प्रकृति छली और रहस्यमयी मानी जाती है। इसे ‘छाया ग्रह’ कहा गया है क्योंकि इसका कोई ठोस भौतिक अस्तित्व नहीं है।
शुभ स्थिति में राहु इंसान को राजनीति, कला, विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में प्रसिद्धि दिलाता है। राहु की कृपा से अचानक धन लाभ, विदेश यात्रा और प्रतिष्ठा मिल सकती है। वहीं अशुभ स्थिति में यह भ्रम, नशे की लत, कोर्ट-कचहरी के मामले और परिवारिक कलह का कारण बन सकता है।
केतु का स्वभाव (Ketu ka Swabhav)
केतु को वैराग्य, मोक्ष और अध्यात्म का कारक कहा गया है। यह व्यक्ति को सांसारिक सुखों से दूर कर आत्मिक शांति और आध्यात्मिक मार्ग की ओर ले जाता है। शुभ केतु इंसान को आध्यात्मिक शक्ति, साधना की गहराई और तंत्र-मंत्र विद्या में निपुण बना सकता है।
लेकिन अशुभ केतु जीवन में भ्रम, दुर्घटना, रिश्तों में दूरी, अचानक हानि और मानसिक परेशानियों का कारण बनता है। यह अक्सर व्यक्ति को परिवार से दूर कर देता है और जीवन में बाधाएं खड़ी करता है।
राहु-केतु के लक्षण (Rahu-Ketu ke Lakshan)
राहु ग्रह के लक्षण (Rahu Grah ke Lakshan)
यदि जन्म कुंडली में राहु अशुभ हो तो इसके प्रभाव व्यक्ति के जीवन में स्पष्ट दिखाई देने लगते हैं। अशुभ राहु के लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:
- अचानक गुस्सा आना और छोटे-छोटे मुद्दों पर विवाद करना।
- निर्णय लेने में असमंजस और भ्रम की स्थिति।
- गलत संगति या नशे की आदतें लग जाना।
- रात को नींद न आना, डरावने सपने और मानसिक अशांति।
- धन की हानि और करियर में अचानक रुकावटें।
- कोर्ट-कचहरी के मामले और कानूनी विवाद।
- बार-बार झूठ बोलना या दूसरों को धोखा देना।
इन्हें ही राहु दोष के लक्षण कहा जाता है। यदि व्यक्ति में ये लक्षण दिखाई दें तो ज्योतिषीय उपाय करना आवश्यक हो जाता है।
केतु ग्रह के लक्षण (Ketu Grah ke Lakshan)
केतु खराब होने के लक्षण इस प्रकार प्रकट होते हैं:
- बार-बार छोटी या बड़ी दुर्घटनाओं का होना।
- परिवार से दूरी या संबंधों में खटास।
- पढ़ाई, करियर या किसी भी काम में मन न लगना।
- अजीब तरह के सपने देखना और भय महसूस करना।
- अचानक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां जैसे एलर्जी, ब्लड प्रेशर या स्किन डिजीज।
- मानसिक भ्रम, आत्मविश्वास की कमी और निर्णय लेने में परेशानी।
- आध्यात्मिकता से दूरी या मन का भटकाव।
केतु अशुभ होने पर व्यक्ति का आत्मिक बल कम हो जाता है और जीवन में रुकावटें आने लगती हैं।
राहु-केतु दोष के प्रभाव (Rahu-Ketu Dosh Ke Prabhav)
ज्योतिष में राहु-केतु को कर्मफल दाता कहा गया है। यह व्यक्ति के पिछले जन्म के कर्मों के आधार पर अच्छे-बुरे फल देते हैं। जब राहु और केतु अशुभ स्थिति में हों तो जीवन के विभिन्न पहलुओं पर नकारात्मक असर डालते हैं।
- करियर पर प्रभाव: नौकरी में स्थिरता न होना, बार-बार काम बदलना, प्रमोशन में रुकावट और व्यापार में घाटा।
- विवाह और रिश्तों पर असर: विवाह में देरी, पति-पत्नी के बीच झगड़े, परिवार में कलह और रिश्तों में दरार।
- सेहत पर प्रभाव: अचानक बीमारियां, नशे की लत, मानसिक तनाव और दुर्घटनाओं का खतरा।
- मानसिक स्थिति पर असर: डर, अस्थिरता, आत्मविश्वास की कमी और हमेशा बेचैनी।
- आर्थिक जीवन पर असर: बार-बार धन हानि, कर्ज बढ़ना और अचानक खर्च।
राहु-केतु को प्रसन्न करने के खास उपाय (Rahu Ketu ke Upay)
राहु के उपाय (Rahu ke Upay)
राहु दोष से बचने और इसे शांत करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। ये उपाय सरल होने के साथ-साथ प्रभावी भी माने जाते हैं।
- शनिवार के दिन राहु मंत्र का जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- गरीबों को भोजन कराना और काले-कपड़े दान करना राहु को शांत करता है।
- उड़द की दाल, सरसों का तेल और काले तिल का दान शनिवार को करें।
- काल भैरव और शनि देव की पूजा से राहु के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।
- घर में नकारात्मकता से बचने के लिए शाम के समय दीपक जलाना।
राहु के उपाय लाल किताब (Rahu ke Upay Lal Kitab)
लाल किताब में राहु दोष को शांत करने के लिए कई टोटके बताए गए हैं:
- रात को चांदी का टुकड़ा तकिए के नीचे रखकर सोना।
- काले कुत्ते को रोटी खिलाना।
- तांबे का सिक्का बहते पानी में डालना।
- रात में दूध चंद्रमा को अर्पित करना।
राहु के लिए रत्न
राहु की शांति और शक्ति के लिए Gomed (Hessonite) रत्न को अत्यंत प्रभावी माना जाता है।
Gomed stone धारण करने से:
- आत्मविश्वास और साहस बढ़ता है।
- करियर और व्यापार में सफलता मिलती है।
- मानसिक तनाव और भ्रम की स्थिति कम होती है।
- धन संबंधी समस्याएं धीरे-धीरे समाप्त होती हैं।
सिर्फ असली और प्रमाणित गomed रत्न ही धारण करना चाहिए। इसे चांदी या पंचधातु की अंगूठी में मध्यमा उंगली में धारण किया जाता है।
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केतु के उपाय (Ketu ke Upay)
केतु को प्रसन्न करने के लिए ये उपाय अत्यंत लाभकारी हैं:
- गणेश जी और भैरव बाबा की पूजा करें।
- कुत्तों और पक्षियों को भोजन कराएं।
- मंगलवार और शनिवार को तिल और कंबल का दान करें।
- केतु मंत्र का जाप करें।
- घर में सुबह-शाम धूप-बत्ती जलाएं।
केतु ग्रह के उपाय (Ketu Grah ke Upay)
केतु ग्रह को शांत करने के लिए सरल टोटके:
- रात को तांबे के पात्र में पानी रखकर सुबह उसे पीपल के पेड़ में अर्पित करें।
- काले-सफेद कंबल का दान करें।
- तिल और गुड़ से बने लड्डू दान करें।
केतु के लिए रत्न
कैट्स आई (Lehsunia) रत्न को केतु का सबसे प्रभावी रत्न माना गया है।
कैट्स आई धारण करने के लाभ:
- दुर्घटनाओं और अचानक हानि से सुरक्षा।
- मानसिक शांति और आत्मविश्वास में वृद्धि।
- आध्यात्मिक शक्ति और साधना में सफलता।
- परिवार और रिश्तों में संतुलन।
इसे हमेशा चांदी या पंचधातु में बनवाकर धारण करें और ज्योतिषाचार्य की सलाह लेना न भूलें।
राहु-केतु के लिए खास टोटके और मंत्र
मंत्र जाप
राहु-केतु दोष को दूर करने में मंत्र जाप का विशेष महत्व है। नियमित जाप करने से ग्रह शांत होते हैं और जीवन में स्थिरता आती है।
- राहु मंत्र: “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः”
- केतु मंत्र: “ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः”
रत्न धारण करने के उपाय
- राहु के लिए असली गomedhikam (Hessonite) रत्न को चांदी या पंचधातु की अंगूठी में धारण करें।
- केतु के लिए असली कैट्स आई (Lehsunia) रत्न को मध्यमा उंगली में धारण करें।
- हमेशा प्रमाणित और लैब-टेस्टेड रत्न ही धारण करें।
दान और पूजा विधि
दान और पूजा के बिना राहु-केतु को प्रसन्न करना कठिन है।
- शनिवार को काले तिल, तेल और लोहे का दान करें।
- मंगलवार और शनिवार को गरीबों को भोजन कराएं।
- काल भैरव मंदिर और नवग्रह मंदिर में पूजा करना शुभ है।
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निष्कर्ष
राहु और केतु जीवन के हर पहलू को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। यदि ये ग्रह अशुभ हों तो जीवन में कठिनाई आ सकती है, लेकिन सही उपायों से इनकी अशुभता को कम किया जा सकता है।
- मंत्र जाप, दान, पूजा और टोटकों से राहु-केतु को शांत किया जा सकता है।
- राहु के लिए गomed रत्न और केतु के लिए कैट्स आई रत्न धारण करना अत्यंत शुभ माना गया है।
- धैर्य, श्रद्धा और नियमितता के साथ किए गए उपाय ही फलदायी होते हैं।
इस प्रकार, ज्योतिषीय उपायों और सही रत्न धारण से राहु-केतु को प्रसन्न किया जा सकता है और जीवन में सुख, शांति, सफलता और संतुलन प्राप्त किया जा सकता है।

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